क्या है मध्य प्रदेश में शिवराज की परेशानी ?

2013 के चुनाव के पूर्वानुमान देखें भाजपा के सीट अनुमान – 143, 155 और 148-160
सभी ओपिनियन पोल 140 से ऊपर सीट दे रहे थे
2018 में एमपी ओपिनियन पोल देखें
बीजेपी के लिए भविष्यवाणी – 128, 108, 111, 108
यह साफ़ है कि भाजपा के लिए सीटों के अनुमान में गिरावट आई है।
सवाल यह है कि इस प्रवृत्ति के कारण क्या है?
सबसे पहले, आय वृद्धि धीमी पड़ गई है 2008-09 से 2012-13 के बीच आय वृद्धि 7.1% और 10.8% के बीच ही रही सिवाय एक वर्ष जब 5% से नीचे थी | (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला का है)
2013-14 से 2017-18 के बीच आय वृद्धि 3.6% और 13.1% के बीच रहा जिसमे तीन साल 5% से नीचे रहा (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला है)
विकास के गति में गिरावट जनता को भी दिख रहा है ।
लेकिन ये मंदी आई कहाँ से ?
कृषि विकास धीमा पड़ गया है 2008-09 से 2012-13 के बीच कृषि -1% से 29.4% के बीच रहा जिसमे एक वर्ष 9% से कम भी था (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला है)
2013-14 से 2017-18 के बीच, कृषि विकास दर -5.3% और 36% के बीच रहा जिसमे से चार वर्ष 9% से कम था (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला है)
मध्य प्रदेश में किसान सबसे बड़ा वोटिंग समुदाय हैं और शिवराज चौहान की पिछली अवधि की तुलना में विकास स्पष्ट रूप से धीमा हो गया है।
क्या ऐसा अन्य क्षेत्रों में भी है?
सर्विस क्षेत्र की वृद्धि दर धीमी हो गई है 2008-09 से 2012-13 के बीच, सर्विस क्षेत्र की वृद्धि 8.3% और 12.1% के बीच रहा जिसमे एक वर्ष 9% से नीचे था (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला है)
2013-14 से 2017-18 के बीच, सर्विस क्षेत्र की वृद्धि 3.8% और 9.1% के बीच रहा जिसमे से चार वर्ष 9% से नीचे था (2011-12 तक डेटा पुरानी श्रृंखला है)
बीजेपी शहरों में ज्यादा मजबूत है और यहाँ 30% मतदाता रहते हैं। सर्विस क्षेत्र ज्यादातर शहरों में ही केंद्रित है। 2013 के बाद से अर्थव्यवस्था की मंदी ही है जो मतदाताओं के अशांति का कारण बन रही है | केवल 46% ने कहा कि वे सरकार को वापस मौका देंगे (एक्सिस पोल)। सोचने वाली बात यह है कि एमएसपी पर केंद्रित यूपीए सरकार की नीतिया जिसने महंगाई को बढ़ावा दिया था वो एमपी के लिए बहुत फायदेमंद था क्यूंकि एम पी ने कृषि में महत्वपूर्ण निवेश किया था । पर केवल कृषि केंद्रित अर्थव्यवस्था अब उलझन बन गई | राजनीतिक रूप से, यदि कांग्रेस अपना खेल जमा सकी तो बीजेपी को काफी खतरा हो सकता है। यही शायद इस चुनाव में निर्णायक कारण बने ।